अगर सोच रहे हैं कि कोरोना का टेस्ट करवाना चाहिए या नहीं, ये जानकारी ध्यान से पढ़ें!

कोरोना के नए मामले तेजी से बढ़ रहे हैं. डेल्टा के मुकाबले ओमिक्रॉन के लक्षण हल्के हैं, बावजूद इसके लोगों के मन में काफी डर और दहशत है. ऐसे में आपको कोरोना के नए वैरिएंट ओमिक्रोन के लक्षण, टेस्ट, आइसोलेशन के बारे में पता होना चाहिए. अगर आप संक्रमित के संपर्क में आए हैं तो आपको क्या करना है यहां जानें.
अगर आप भी इस उधेड़बुन में यानी यह सोच रहे हैं कि कोरोना का टेस्ट (Corona Test) करवाना चाहिए या नहीं तो ये जानकारी आपको ध्यान से पढ़नी चाहिए. दरअसल सेल्फ टेस्टिंग किट ( Self Testing Kit) से टेस्ट करने पर अगर पॉजिटिव हैं तो खुद को पॉजिटिव मानें. वहीं अगर किट से या रैपिड टेस्ट में नेगेटिव हैं तो लक्षण आने पर ही लैब जाकर आरटीपीसीआर (RT-PCR) टेस्ट करवाएं.
इन हालातों में जरूर कराएं कोरोना टेस्ट
कोविड-19 से संक्रमित पाए गए व्यक्तियों के संपर्क में आए लोगों की तब तक जांच करने की जरूरत नहीं जब तक उनकी पहचान आयु या अन्य बीमारियों से पीड़ित होने के चलते ‘अधिक जोखिम’ वाले के तौर पर की गई हो. इसकी सलाह एक नई सरकारी सलाह में दी गई है.
आईसीएमआर यानी (ICMR) ने नई एडवाइजरी जारी करके ये बताया कि कोविड की टेस्टिंग कब और किसे करवानी चाहिए. जिन लोगों को खांसी, जुकाम, बुखार या गंध ना आने जैसे लक्षण हों उन्हें फौरन सचेत होने की जरूरत है.
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ऐसे रिस्क जोन वाले लोग जिनके संपर्क में किसी को कोरोना कंफर्म हुआ है. वहीं रिस्क जोन यानी 60 वर्ष से अधिक उम्र के लोग खास तौर पर जिन्हें डायबिटीज़, हाई बी पी, अस्थमा, किडनी या फेफड़ों की बीमारी या कैंसर हो उन्हें भी यह जांच जरूर करानी चाहिए. वहीं अंतराष्ट्रीय यात्रा से आने या जाने वाले लोगों के लिए भी जांच कराना बेहद जरूरी है.
अस्पताल के लिए निर्देश
1 कोरोना टेस्ट के इंतज़ार में इमरजेंसी सर्जरी न रोकें.
2 अस्पताल में टेस्ट की व्यवस्था ना हो तो मरीज भर्ती करने से इंकार ना करें. सैंपल भेजने का इंतजाम करें.
3-जिन लोगों की सर्जरी होनी है या कोई प्रोसीजर होना है या गर्भवती महिला है तो बिना लक्षण के टेस्ट ना करवाएं
किसे टेस्ट की जरूरत नहीं
– बिना लक्षण वाले लोग.
– किसी कोरोना कंफर्म के संपर्क में आने पर भी अगर आप लो रिस्क जोन में नहीं हैं तो टेस्ट की जरूरत नहीं.
– अंतरराज्यीय यात्रा के लिए.
– होम आइसोलेशन में समय अवधि बीतने पर.
-अस्पताल से डिस्चार्ज के वक्त.