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जानिए कब होंगे चुनाव, कोरोना से जंग के लिए कैसी हैं तैयारियां? प्रेस कॉन्फ्रेंस की 10 बड़ी बातें

चुनावों को लेकर चुनाव आयोग ने गुरुवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस की। मुख्य चुनाव आयुक्त ने कहा कि हमने तमाम राजनीतिक पार्टियों से बात की और सुझाव लिए हैं। पांच जनवरी 2022 के बाद कभी भी चुनाव की तारीखों का एलान किया जा सकता है। प्रेस कॉन्फ्रेंस में यूपी विधानसभा चुनावों को लेकर दी गई जानकारी के बारे में जानिए 10 अहम बातें..

मुख्य चुनाव आयुक्त ने बताया कि सभी राजनीतिक दलों ने कोविड प्रोटोकॉल का पालन करते हुए निश्चित समय पर चुनाव कराने की मांग की है। कुछ दलों ने कोविड प्रोटोकॉल के बिना पालन किए होने वाली रैलियों पर चिंता जताई है। आयोग ने कहा कि लगभग पार्टियां घनी आबादी वाले इलाके में बूथ नहीं चाहती हैं, ताकि कोरोना दिशानिर्देश का पालन किया जा सके।

चुनाव आयोग ने कहा कि मतदाता पंजीकरण का कार्यक्रम भी चल रहा है। उस पर काफी मेहनत हुई है। 5 जनवरी को अंतिम मतदाता सूची प्रकाशित की जाएगी। अब तक 15 करोड़ से ज्यादा मतदाता पंजीकृत हैं।  नामांकन दाखिल करने की आखिरी तारीख तक भी मतदाता सूची में अपने नाम को लेकर दावे-आपत्ति बता सकते हैं। 23.9 लाख पुरुष और 28.8 लाख महिला मतदाता हैं। 52.8 लाख नए मतदाता जुड़े हैं। इनमें 19.89 लाख युवा मतदाता हैं यानी इनकी उम्र 18-19 साल हैं।

उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में मतदान का समय एक घंटा बढ़ाया जाएगा। मतदाता पंजीकरण का कार्यक्रम भी चल रहा है। उस पर काफी मेहनत हुई है। 5 जनवरी को अंतिम मतदाता सूची प्रकाशित की जाएगी

  • कम से कम 800 पोलिंग स्टेशन ऐसे बनाए जाएंगे जहां सिर्फ महिला पोलिंग अधिकारी होंगे। मतदाता एपिक कार्ड के अलावा 11 अन्य दस्तावेज दिखाकर वोटर वोट डाल सकता है। इसमें पैन कार्ड, आधार कार्ड, मनरेगा कार्ड जैसे दस्तावेज शामिल हैं।
  • कोरोना को देखते हुए 1500 लोगों पर एक बूथ को घटाकर 1250 लोगों पर एक बूथ कर दिया गया है। इससे 11 हजार बूथ बढ़े हैं। हर पोलिंग बूथ पर पानी, बिजली और शौचालय की व्यवस्था होगी। दिव्यांगों के लिए व्हीलचेयर और रैंप की व्यवस्था होगी।
  • चुनाव आयोग ने कहा कि कुछ प्रतिनिधियों ने प्रशासन के पक्षपाती रवैये के बारे में शिकायत की। पुलिस द्वारा रैलियों पर अनुचित प्रतिबंध लगाने का आरोप लगाया। अधिकतर राजनीतिक दलों ने प्रचार के दौरान धनबल, शराब और मतदाताओं को मुफ्त चीजें दिए जाने पर चिंता जताई है। इन मुद्दों से आयोग अवगत है।

  • कम से कम एक लाख बूथ पर वेबकास्टिंग की जाएगी ताकि यह लोग देख सकें कि पूरी पारदर्शिता के साथ वोटिंग होगी।

  • आपराधिक पृष्ठभूमि के उम्मीदवारों को मीडिया में यह प्रसारित करना होगा कि उनके खिलाफ कौन-सी धाराएं लगी हैं, कौन-से मामले चल रहे हैं।

  • राजनीतिक दलों को भी यह प्रसार करना होगा कि उन्होंने ऐसी पृष्ठभूमि वाले उम्मीदवारों को क्यों चुना है?

  • चुनाव आयोग ने कहा कि  बुजुर्गों और दिव्यांगो के लिए घर से वोट देने की सुविधा दी गई है।

  • चुनाव आयोग ने कहा कि  2017 में लिंगानुपात 839 था यानी एक हजार पुरुषों पर 839 महिला वोटर थीं। इस बार यह बढ़कर 868 हो गया है। उत्तर प्रदेश में इस वक्त 10 लाख 64 हजार 267 दिव्यांग मतदाता हैं।

  • आयोग का मानना है कि मतदाताओं के बाद राजनीतिक दल चुनावी प्रक्रिया के अहम साझेदार हैं। हम प्रलोभन मुक्त और कोविड सुरक्षित चुनाव कराना चाहते हैं

 

 

 

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